माँ दुर्गा पूजा भारत में मनाने वाला सबसे महत्वपूर्ण festival में से एक है। Mainly in West Bengal and Bihar. यह हिंदुओं का एक वार्षिक त्योहार है जिसे हम Mata Durga के लिए लगातर 10 दिनों तक मनाते हैं।
हम इस त्योहार को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाते हैं। इस त्योहार में बहुत से लोग आते हैं और पूजा करते हैं और प्रसाद के रूप में माता दुर्गा के नाम का जाप करके अपना सारा दुख भूल जाते हैं ये मान्यता लाखों भारतीय हिंदुओं के दिल में है |
ऐतिहासिक Background
हमारी मान्यता है, जब मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था तो उसी समय से हम दुर्गा पूजा मनाते हैं।
ये एक बहुत ही पुरानी कहानी है और ये कहानी हम अपने पूर्वजों से सुनते आ रहे हैं और ये हमें अपनी पुराणी किताबें और पौराणिक कथाएं में भी मिलती हैं प्राचीन समय के सारे देवी और देवताओं ने मिलकर एक देवी का जन्म दिया जिसे आज हम मां दुर्गा के नाम से जानते हैं। यहीं मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था और आज हम उन्हीं का नाम पर दुर्गा पूजा मनाते हैं
माँ दुर्गा-9 देवियों की सूची
ये पूजा 9 दिनों तक का होता है इसलिए 9 देवी को पूजा जाता है. 9 देवियो के अवतार का नाम इस प्रकार है शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी, मां चंद्रघंटा, मां कुष्मांडा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री. आज के समय में हम दुर्गा पूजा बड़ी धूम-धाम से मनाते हैं और लाखों लोग इस त्योहार में भाग लेते हैं और पूजा करते हैंये त्योहार 03 सितंबर से शुरू होगा और 12 सितंबर 2024 को खत्म होगा |
विजय दशमी- रावण का पुतला दहन
विजय दशमी, विजय दशमी , माँ दुर्गा पूजा के आखिरी दिन में आता है जहां पर हम पूजा करने के बाद, रावण का पुतला को आग लगाकर जलाते हैं रावण के पुतले में बहुत सारे पटाखे लगे होते हैं जब वो जलते हैं तो लगता है कि दिवाली आ गई है, वो जो दृश्य होता है वो मैं अपने लेखन से बया नहीं कर सकता। आप लोगो को खुद आ कर देखना चाहिए और उसका मजा लेना चाहिए और बुरी प्रविर्ती वाले लोगों को अपने से दूर करते हैं। ये हमारी समाज की मान्यता है |
माँ दुर्गा की मूर्ति विसर्जन
रावण का पुतला को जला कर हम, माँ दुर्गा का पुतला, माँ गंगा में ले जाकर विसर्जन करते हैं, पूजा करने के आखिरी दिन और घर को वापस आ जाते हैं